शनिवार, 9 जनवरी 2016

अन्तिम क्षण


अतीत की गहराई में खोया हुवा
बीते समय को याद कर रहा
काश मैं ये कर पाता
काश उससे ये न कहता
उससे मिलता उस दिन, काश
कुछ दिन होते और यदि तो
जीवन जीता अबकी बार
दिल खोल कर मिलता सबसे
सबसे मीठी बातें करता
अबकी जीवन में किसी की
कभी शिकायत ना करता

आज वह उदास है।
मृत्यु द्वार खड़ी है, उसको ये आभास है।